यह बुद्ध की छाप: एक कहानी
पहाड़ों के ऊपर एक झरने का शोर थी। मुझे वहाँ भगवान की छाप देखने मन करता था । एक बुजुर्ग पुरुष था जो उसके सामने खड़ा हुआ और बोलना शुरु कर दिय�
पहाड़ों के ऊपर एक झरने का शोर थी। मुझे वहाँ भगवान की छाप देखने मन करता था । एक बुजुर्ग पुरुष था जो उसके सामने खड़ा हुआ और बोलना शुरु कर दिय�